हिंदी साहित्य में महादेवी वर्मा का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। महादेवी जी छायावाद के चार स्तंभों में से एक है। यह विरह,वेदना और रहस्यात्मकता की अमर सृजक है । इन्होंने मानव हृदय की अनुभूतियों और सूक्ष्मतम भावों को बहुत संवेदनशील एवं सफल अभिव्यक्ति प्रदान की है और यही तत्व उनकी कृतित्व को अन्यतम बनता है। बहुमुखी प्रतिभा की धनी महादेवी वर्मा ने काव्य के अतिरिक्त निबंध ,रेखाचित्र ,संस्मर... https://sahityanama.com/Separation-and-pain-in-the-poetry-of-Mahadevi-Verma-400