आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥ अञ्जनि-पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरङ्गी । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती Just about every Chaupai or verse extolls the varied characteristics https://www.youtube.com/watch?v=ufkmD95y7fE