ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:। जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्॥ १९ ॥ ब्रह्माजीने इस विद्या का उपदेश सनकादिक मुनियों को किया। सनत्कुमार ने देवर्षि नारदको और नारद ने नामक परमहंस को इसका उपदेश किया। पांडवो ने भी युद्ध से पहले की बगलामुखी पूजा On basis of calculation, https://bookmarkssocial.com/story14347765/the-best-side-of-baglamukhi