जो न कभी खत्म होंगे और न उनकी कोई रोक टोक सारे जहाँ के परवरदिगार की तरफ से (मोहम्मद पर) नाज़िल हुआ है सब के सब रोजे मुअय्यन की मियाद पर ज़रूर इकट्ठे किए जाएँगे तो (उस के लिए) आराम व आसाइश है और ख़ुशबूदार फूल और नेअमत के बाग़ https://www.bacadenk.com/4786/surat-al-waqiah-arab.html